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DEWA SHAREEF BARABANKI UTTAR PRADESH

देवा शरीफ 


देवा शरीफ यह तीर्थ स्थल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्थिति है।  यह  लखनऊ से 45 किलोमीटर की दुरी पर स्थिति है यह हाजी वारिस अली शाह का जन्म स्थान है हाजी वारिस अली शाह हुसैनी सैयद के परिवार में आए थे, जो मानवता  के लिए सार्वभौमिक प्रेम का संदेश के साथ कई पीढ़ियों के लोगों के जीवन को  प्रभावित करने के लिए था। इनके पिता  नाम सैय्यद कुर्बान अली शाह था  यह दुनिया भारत की एक मात्रा ऐसी दरगाह है जहां पर  होली खेली जाती है। इनके पिता जी का निधन इनके  गया था। 

हाजी वारिश  अली शाह जी  7 अप्रैल 1905 को परलोक सिधार गए। उनको उसी स्थान  दफनाया गया जहां पर उनकी मृत्यु हुयी थी.

हाजी  वारिस  अली शाह की दरगाह पर हिन्दू और मुस्लिम सहित सभी  धर्मो के लोग दर्शन के लिए आते है 
यहाँ पर हर वर्ष के (अक्टूबर- नवम्बर) के महीने में मेला लगता है , जो  दस दिनो तक रहता है.ये मेला "देवा मेला " के नाम से जाना जाता है। इस मेले में लाखो पर्यटक देश-विदेश  आते है।  यहा पर हर महीने के आखिरी गुरुवार को नौचन्दी  का आयोजन होता है जिसमे काफी लोग पहुंचते है 

 कैसे पहुँचा जाये हाजी वारिश अली शाह  दरगाह पर :

ट्रेन से :
अगर आप ट्रैन से जाना चाहते है तो आप बाराबंकी जं रेलवे स्टेशन से 12 किलोमीटर की दुरी पर है   आप बाहर से टैक्सी पकड़ के जा सकते है। 
सड़क के रास्तें : 
लखनऊ से देवा शरीफ 42 किलोमीटर है और  बाराबंकी से 12 किलोमीटर है। बड़ी  आसानी से सभी सुलभ  परिवहन सुविधाएं मौजूद हैं। लखनऊ(कैसरबाग बस अड्डा औरचारबाग़ बस अड्डे) से  बाराबंकी से UPSRTC अंडरटेकिंग बसें  सुबह 6 बजे से शाम 9 बजे तक चलती हैं। टैक्सी, थ्री-व्हीलर के अलावा,  और  साधन उपलब्ध हैं।
हवाई जहाज से :
देवाशरीफ से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट लखनऊ में है  यहाँ से देवा शरीफ लगभग 54  किलोमीटर है 
                                                                                                                                             


TRANSLATE IN ENGLISH:-

Deva Sharif

Deva Sharif This pilgrimage site is in Barabanki district of Uttar Pradesh. It is located at a distance of 42 km from Lucknow. It is the birthplace of Haji Waris Ali Shah. Haji Waris Ali Shah came in the family of Hussaini Syed, influencing the lives of people of many generations with a message of universal love for humanity. was for. His father name was Syed Qurban Ali Shah, this world is one of the many dargahs of India where Holi is played. His father had passed away.
Haji Warish Ali Shah ji went to otherworldly on 7 April 1905. He was buried at the place where he died.
People of all religions, including Hindus and Muslims, visit the shrine of Haji Waris Ali Shah to visit.
A fair is organized here in the month of every year (October - November), which lasts for ten days. This fair is known as "Deva fair". Lakhs of tourists visit the country and abroad. Nauchandi is organized here on the last Thursday of every month, in which many people arrive.
 How to reach Haji Warish Ali Shah Dargah:

by train :

If you want to go by train, then you are 12 km away from Barabanki Jn railway station, you can catch a taxi from outside.

Roadways:

Dewa Sharif is 42 kilometers from Lucknow and 12 kilometers from Barabanki. All easily accessible transport facilities are available. UPSRTC Undertaking buses from Barabanki from Lucknow (Kaiserbagh bus stand and Charbagh bus stand) run from 6 am to 9 pm. Taxis, in addition to three-wheelers, are available.

By plane:

The nearest airport to Devashreef is in Lucknow, from here Deva Sharif is about 54 kilometers.




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