दिल्ली का इतिहास
महाभारत काल
दिल्ली राज्य का इतिहास काफी पुराना है दिल्ली हमेशा से राजधानी नहीं थी महाभारत काल में भरत के वंशज पांडवो और कौरवो के बीच में हस्तिनापुर का युवराज बनने का विवाद होने पर हस्तिनापुर के महाराज (कौरवो के पिता व पांडवो के ज्येष्ठ पिता ) धृतराष्ट्र ने पांडवो को अपने राज्य का आधा राज्य खान्डयप्रस्थ दिया था जो उस समय बंजर भूमि थी। जिसको पांडवो ने अपने परिश्रम से उस बंजर भूमि को हरा भरा बनाया और वहा पर एक शहर बसाया जिसका नाम इन्द्रप्रस्थ रखा जो पांडवो की राजधानी थी , यह पांडवो की कर्मभूमि थी।
गुलाम वंश (1206 -1290 )
खिलजी वंश (1290-1320)
तुगलक वंश (1320 -1414)
सैय्यद वंश ( 1414 -1451 )
लोदी वंश (1451-1526)
8 वीं शताब्दी से 16 वीं शताब्दी तक, दिल्ली में तोमर वंश का शासन था, जिन्होंने 736 में लाल कोट की स्थापना की थी 1192 में मोहम्मद गोरी ने पृथ्वी राज चौहान को युद्ध में पराजित कर दिया।
दिल्ली सल्तनत का शासन 1206 में कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा स्थापित किया गया। सुलतान कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुबमीनार निर्माण कराया जो दिल्ली में आज एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है।
उनकी मृत्यु के बाद खुसरो खान से तुगलक वंश के प्रथम शासक गयासुद्दीन तुगलक ने गद्दी छीन लिया।
गयासुद्दीन तुगलक के बाद तुगलक वंश के कई शासको ने राज किया
मध्य कालीन भारत
दिल्ली सल्तनत 1206 ईस्वी से 1526 ईस्वी तक यानी ३२० साल तक चला इन 320 साल की अवधी में दिल्ली सल्तनत में 5 राजवंशो में 31 शासको ने शासन किया।गुलाम वंश (1206 -1290 )
खिलजी वंश (1290-1320)
तुगलक वंश (1320 -1414)
सैय्यद वंश ( 1414 -1451 )
लोदी वंश (1451-1526)
8 वीं शताब्दी से 16 वीं शताब्दी तक, दिल्ली में तोमर वंश का शासन था, जिन्होंने 736 में लाल कोट की स्थापना की थी 1192 में मोहम्मद गोरी ने पृथ्वी राज चौहान को युद्ध में पराजित कर दिया।
दिल्ली सल्तनत का शासन 1206 में कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा स्थापित किया गया। सुलतान कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुबमीनार निर्माण कराया जो दिल्ली में आज एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है।
खिलजी वंश (1290-1320)
इसके बाद में दिल्ली के क्षेत्र सत्ता में खिलजी वंश 1290 से 1320 तक राज किया। ख़लजी वंश मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था।खलजी वंश आखिरी शासक कुतुबुद्दीन मुबारक थे जिनकी हत्या 1320 में उनके प्रधान मंत्री खुसरो खान ने कर दी थी.उनकी मृत्यु के बाद खुसरो खान से तुगलक वंश के प्रथम शासक गयासुद्दीन तुगलक ने गद्दी छीन लिया।
तुगलक वंश (1320 -1414)
गयासुद्दीन तुगलक ने भारत में तुगलक वंश की स्थापना की थी। गयासुद्दीन तुगलक ने 1320 से 1325 तक राज किया। गयासुद्दीन तुगलक की 1325 ईसवी में मृत्यु हो गयी थी।गयासुद्दीन तुगलक के बाद तुगलक वंश के कई शासको ने राज किया
सैय्यद वंश( 1414- 1451 )
सैय्यद वंश दिल्ली सल्तनत पर राज करने वाला चतुर्थ वंश था। सैय्यद वंश ने 1414 से 1451 तक शासन किया।
इस वंश के चार शासकों ने ३७-वर्षों तक दिल्ली सल्तनत पर राज्य किया।
खिज्र खां ( 1414-1421 )
बारक शाह (1421-1434)
मुहम्मद शाह (1434-1445)
आलमशाह (1445-1451 )
16 वी शताब्दी में शेरशाह सूरी ने बाबर के बेटे हुमायु को हराया और शेरशाह सूरी ने दिल्ली के छठे शहर का निर्माण किया,और पुराण किला का निर्माण करवाया
17 वी शताब्दी में शाहजहाँ ने इस शहर पर विजय प्राप्त की। शाहजहाँ ने मुग़ल सम्राज्य की राजधानी आगरा से दिल्ली स्थानान्तरित की। शाहजहां ने दिल्ली में लाल किला और जामा मस्जिद का निर्माण करवाया
शाहजहाँ के बाद दिल्ली शहर पर मराठा और बाद में फ़ारसी राजाओ ने आक्रमण किया था।
18 वी शताब्दी में मराठो ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया,
लोदी वंश (1451-1526)
लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था। दिल्ली सल्तनत पर राज करने वाले ये अंतिम शासक थे आगरा शहर की स्थापना 1504 ईस्वी में सिकन्दर लोदी ने किया था।
मुगलकाल
मुग़ल वंश का संस्थापक बाबर था. बार ने भारत पर पांच बार आक्रमण किया। पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 में बाबर तथा इब्राहिम लोदी के बीच में हुआ था। बाबर के मृत्यु के पश्चात् आरम्भ में उसके शव को आगरा में दफनाया गया बाद में उसके शव को काबुल में उसके द्वारा चुने गए स्थान पर दफनाया गया।
17 वी शताब्दी में शाहजहाँ ने इस शहर पर विजय प्राप्त की। शाहजहाँ ने मुग़ल सम्राज्य की राजधानी आगरा से दिल्ली स्थानान्तरित की। शाहजहां ने दिल्ली में लाल किला और जामा मस्जिद का निर्माण करवाया
शाहजहाँ के बाद दिल्ली शहर पर मराठा और बाद में फ़ारसी राजाओ ने आक्रमण किया था।
18 वी शताब्दी में मराठो ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया,
ब्रिटिश काल
1803 में यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन हो गया। अंग्रेजो ने 1911 में कलकत्ता से दिल्ली अपनी राजधानी स्थानान्तरित की
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद
उसके बाद 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद दिल्ली को भारत सरकार ने राजधानी घोषित कर दिया दिल्ली एक प्रमुख महानगरीय क्षेत्र बन गया है.
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